Wednesday, November 01, 2006

दोहे - निदा फ़ाज़ली के

१.
छोटा कर के देखिये, जीवन का विस्तार
आँखों भर आकाश है, बाँहो भर संसार ।

२.
वो सूफ़ी का कौ़ल हो, या गीता का ज्ञान
जितनी बीते आप पर, उतना ही सच मान
३.
सात समुन्दर पार से कोई करे व्यापार
पहले भेजे सरहदें, फ़िर भेजे हथियार
४.
बच्चा बोला देख कर,मस्जिद आलीशान
अल्ला तेरे एक को, इतना बड़ा मकान
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निदा फ़ाज़ली

2 comments:

संजय बेंगाणी said...

एक एक दोहा सचा मोती है.

Manish Kumar said...

सात समुन्दर पार से कोई करे व्यापार
पहले भेजे सरहदें, फ़िर भेजे हथियार

सुंदर सटीक दोहा है ।